सम्पूर्ण मतदान प्रक्रिया के त्रुटिरहित संचालन स्वतंत्र-निष्पक्ष मतदान के लिए पीठासीन अधिकारी की जिम्मेदारी रहेगी
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मतदान दलों के लिए सलग्न अधिकारी एवं अन्य सहायक अधिकारीयों का प्रशिक्षण सम्पन्न
मंदसौर 25 अप्रैल 24/ लोकसभा निर्वाचन 2024 के लिए मतदान सम्पन्न कराये जाने के लिए मतदान दल अधिकारियों एवं अन्य सहायक अधिकारीयों का द्वितीय प्रशिक्षण कार्यक्रम निर्धारित प्रशिक्षण स्थल - कुशाभाउ ठाकरे ऑडिटोरियम एवं शासकीय महाविद्यालय मन्दसौर में क्रमश: प्रथम सत्र एवं द्वितीय सत्र में प्रदान किया गया। प्रशिक्षण में आए सभी प्रशिक्षणार्थियों ने डाक मतपत्र हेतु फार्म 12 (क) अनिवार्य रूप से भरकर आवश्यक दस्तावेज सलग्न कर जमा किये।
प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को निर्देशित किया कि प्रशिक्षण को गंभीरता ले एवं अपने सभी संदेहों का निवारण कर लेवे। मन में कोई शंका या संकोच न रखें। प्रशिक्षण कार्यक्रम में मतदान दल कर्मियों को निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किये गये दिशा-निर्देशों के आवश्यक महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी से अवगत कराया गया। प्रशिक्षण में मतदान दल कर्मियों को मॉक पोल एवं वास्तविक मतदान के समय की जाने वाली प्रक्रिया, मतदान दलों को मतदान सामग्री प्राप्त करने, मतदान केंद्र की सुरक्षा व्यवस्था, मतदाता की पहचान का सत्यापन, अमिट स्याही लगाने एवं मतदान की गोपनीयता की जानकारी इत्यादि महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बताया गया। प्रशिक्षण में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित प्रपत्रों की प्रविष्टि, संबंधित लिफाफों, मतों की गिनती, मतदान समाप्ति के पश्चात ईवीएम एवं मतदाता रजिस्टर के मतों का मिलान, ईवीएम सीलिंग के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया । उन्होंने मतदान दल कर्मियों को निर्देशिका पुस्तिका के मुख्य बिन्दुओ एवं निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का भलींभाति सूक्ष्मता से अध्ययन कराया।
मास्टर ट्रेनर्स ने प्रशिक्षण में बताया कि मतदान केन्द्र पर पीठासीन अधिकारी की जिम्मेदारी सबसे अहम हैं। वह मतदान केन्द्र का प्रभारी होगा। किसी भी विषम परिस्थिति में कार्यवाही पर उसको निर्णय लेना होगा। पीठासीन अधिकारी केन्द्र प्रभारी होने के अलावा निर्वाचन संचालन दल का मुखिया भी होगा। वह मतदान सामग्री प्राप्त करने से लेकर सामग्री जमा करने के लिए उत्तरदायी होगा। सम्पूर्ण मतदान प्रक्रिया के त्रुटिरहित संचालन स्वतंत्र-निष्पक्ष मतदान के लिए पीठासीन अधिकारी की जिम्मेदारी रहेगी। मतदान अधिकारी क्रमांक 1 चिन्हित प्रति का प्रभारी होगा। वह निर्वाचक की पहचान सुनिश्चित करने के साथ ही निर्वाचक नामावली में चिन्हांकन करेगा। बताया गया कि मतदान अधिकारी क्रमांक 2 अमिट स्याही का प्रभारी होगा। मतदाता के बाएं हाथ की तर्जनी पर अमिट स्याही लगाएगा। मतदान अधिकारी क्रमांक 3 ईवीएम की कंट्रोल यूनिट का प्रभारी होगा। वह मतदाता को मतदान कक्ष में जाने, मत अंकित करने की अनुमति देने व प्राप्त मतदान पर्ची को क्रमानुसार रखने का कार्य करेगा। प्रशिक्षण के मास्टर ट्रेनर्स ने प्रशिक्षण देते हुए सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया व ईवीएम, वीवीपैट की कार्यप्रणाली समझाई। प्रशिक्षण में मतदान दलों को मतदान केन्द्र तैयार करने के बारे में समझाया गया। मतदान केन्द्र निरीक्षण, सामग्री निरीक्षण, 100 मीटर के घेरे का निरीक्षण कर प्रचार-प्रसार संबंधित सामग्री हटाने, मतदान केन्द्र से 200 मीटर की दूरी को चिन्हित कर इसके बाहर ही राजनीतिक पार्टियों के पण्डाल होने, नोटिस बोर्ड में मतदान संबंधी आवश्यक निर्देश, मतदान केन्द्र क्रमांक एवं नाम, मतदाता की सूची, मतदान का समय, दिनांक आदि जानकारी चस्पा करने, विभिन्न प्रपत्रों को संबंधित लिफाफों में आवश्यक जानकारी प्रविष्ट करने के बारे में प्रशिक्षित किया गया। मतदान चालू होने पर दल द्वारा की जाने वाली कार्यवाही, अमिट स्याही लगाने के तरीके, मतदान प्रक्रिया के दौरान विशेष परिस्थितियों जैसे अभ्याक्षेपित मत, निविदत मत, टेस्टिंग मत, प्राक्सी वोटर, दिव्यांग मतदाता, मशीन की खराबी, मतदाता की आयु कम परिलक्षित होने, अंधे एवं शिथिलांग मतदाता, मतदान केन्द्र पर प्राकृतिक आपदा, बूथ कब्जा आदि विशेष परिस्थितियों पर की जाने वाली कार्यवाहियों संबंधी नियमों की जाकनारी देते हुए अन्य सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विस्तार से जानकारी प्रदान की गई।